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Saturday, September 6, 2014

नाकोड़ा तीर्थ में भव्यता से मनाया गया जैनाचार्य का जन्मोत्सव

गुजरात के पूर्व गृह मंत्री प्रफुलभाई पटेल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई सोमाभाई मोदी हुए कार्यक्रम में शरिक
बालोतरा। सुप्रसिद्ध नाकोड़ा जैन तीर्थ में आचार्य राष्ट्रसंत पदमसागरसूरीश्वर महाराज का 80 वां जन्मोत्सव शुक्रवार को अत्यंत भव्यता से मनाया गया। देश-विदेश के हजारों श्रद्धालु इस अमूल्य अवसर का साक्षी बनने नाकोड़ा पहुंचे। भोर वेला में मंगल शहनाई वादन से जन्मदिवस का आगाज हुआ। पूरे नाकोड़ा तीर्थ परिसर को रंगोलियों से सजाया गया। मानवता के मसीहा धर्मनायक संत को शुभकामनाएं देने और उनके आर्शीवाद पाने के लिए सवेरे से ही भक्तों की कतारे लग गईं। श्रद्धालुओं ने सैकड़ों दीप प्रज्ज्वलित कर सर्वमंगल की कामना की। राष्ट्रसंत जैनाचार्य ने सवेरे से शाम तक वानिक्षेप कर तथा मंगलपाठ सुनाकर दर्षनार्थियों को भावभीने आषीर्वाद दिये।
शिष्यों व भक्तों के संघ प्रात: 6:30 बजे राष्ट्रसंत पदमसागरसूरीश्वर महाराज प्रभुदर्शन के लिये जिनालय परिक्रमा पर निकले। बैण्ड की धून पर मधुर गीतगान राजस्थानी गेरनृत्य और झूमते-नाचते हजारों नर-नारियों की भीड़ ने जिनालय परिक्रमा को मनोहारी बना दिया। लोग अक्षतों से जैनाचार्य को बधाते रहे। जैनाचार्य हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन करते रहे। महिलाओं ने चावल के स्वास्तिक बनाकर गुरूपूजन किया।
प्रात: 9 बजे जन्मोत्सव समारोह का गरिमापूर्ण शुभारंभ हुआ। गुरूवंदना व मंगलाचरण के पश्चात् लाभार्थि सिवाना निवासी छगनराज जीवाजी बागरेचा परिवार ने जैनाचार्य का गुरूपूजन किया। तीर्थ के अध्यक्ष अमृतलाल जैन ने सभी का स्वागत कर जन्मोत्सव की रूपरेखा प्रस्तुत की। राष्ट्रसंत जैनाचार्य की जन्मभूमि पष्चिम बंगाल के जीयागंज-अजीमगंज के भक्तों ने अपने वतन के महासंत पर एक डोक्यूमेन्टरी फिल्म का विमोचन कर उसे समारोह में प्रदर्षित किया। चार हजार से अधिक श्रद्धालु से महकते जन्मोत्सव समारोह में अपने वक्तव्य और सुंदर संचालन से ओजस्वी प्रवचनकार मुनि विमलसागर महाराज ने गजब का समां बांधा।
इस अवसर पर आचार्य पदमसागरसूरीश्वर महाराज के दो कृतियों ‘संशय सब दूर भये‘ और ‘चिन्तन की डगर‘ का विमोचन किया गया। गुजरात के  विश्व प्रसिद्ध संस्थान श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा ने इन पुस्तकों का प्रकाषन किया है। मुनि विमलसागर महाराज ने बताया कि भारत व भारत  की सरहदों के उस पार नेपाल तक करीब एक लाख सांठ हजार किलोमीटर की पदयात्राएं कर जन-जन को अहिंसा, शाकाहार, सात्विकता, पवित्रता, व्यसन मुक्ति और सद्भावना का संदेष देने वाले आचार्य पदमसागरसूरीश्वर महाराज ने 19 वर्ष की आयु में गृहत्याग कर जैनदीक्षा अंगीकार की थी।
जैन धर्म  की साधुता में बंधे इस महासंत ने अपनी प्रखर प्रतिभा, अथक पुरूषार्थ और कार्य कुशलता के आधार पर गरीबों की सेवा, जीवन मूल्यों के जतन, जीवदया और शिक्षा और चिकित्सा के क्षैत्र में हजारों छोटे-बड़े कार्यों का निष्पादन करवाया। 60 वर्ष का आपका संयमकाल ऐसे अनेकानेक प्रेरणादायी सत्कार्यों से ओतप्रोत हैं।
इस अवसर पर पंन्यास देवेन्द्रसागर महाराज, पंन्यास हेमचंद्रसागर महाराज, पंन्यास विवेकसागर महाराज, गणि प्रशांतसागर महाराज, मुनि महापदमसागर महाराज तथा मुनि पुनितपदमसागर महाराज ने भी धर्मसभा को संबोधित कर आचार्यश्री के स्वास्थ्य व दीर्घायु की कामना की।
कार्यक्रम में पूर्व न्यायाधिश डी. आर. मेहता, पूर्व न्यायाधिश एच.आर. पंवार, गुजरात के पूर्व गृह मंत्री प्रफुलभाई पटेल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई सोमाभाई मोदी, पचपदरा विधायक अमराराम चौधरी, जोधपुर विधायक कैलास भंसाली, बाड़मेर विधायक मेवाराम चौधरी विशेष रूप से उपस्थित थे। सभी अतिथियों का नाकोड़ा तीर्थ की ओर से स्वागत एवं बहुमान किया गया।
माध्यमिक विद्यालय का हुआ लोकार्पण
आचार्य राष्ट्रसंत पदमसागरसूरीश्वर महाराज का जन्मोत्सव व षिक्षक दिवस एक ही दिन होने से श्री जैन श्वेताम्बर नाकोड़ा पाश्र्वनाथ तीर्थ मेवानगर की ओर से मेवानगर में बने ओर क्रमोन्नत हुए श्री नाकोड़ा पाश्र्वनाथ राजकीय माध्यमिक विधालय का लोकार्पण समारोह दोपहर 12:30 बजे मुनि विमलसागर महाराज के यषस्वि सान्निध्य में संपन्न हुआ। सोमाभाई मोदी, प्रफुलभाई पटेल व राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधिश पंवार लोकार्पण समारोह के विषिष्ट अतिथि थे। तीर्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष अमृतलाल जैन समारोह की अध्यक्ष्ता की विधार्थियों ने सामुहिक गीतनृत्य प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर कर दिया। प्रांरभ में मुनि विमलसागर महाराज के सरस्वती मंत्रों के बिच शिलालेख पट्किा का अनावरण किया गया।
इस अवसर पर मुनि विमलसागर महाराज ने कहा कि गरीब परिवार या छोटे ग्राम में कम सुविधाओ के बीच जन्म लेना अभिशाप नहीं है। संस्कार हीन बनना या व्यसनों को अपनाना जीवन का सबसे बड़ा अभिषाप है। उन्होनें विघार्थियों शिक्षकों और अभिभावकों से कहा कि स्कुली शिक्षा के साथ जीवनमुल्यों का जतन कीजिए। संस्कारवान बनने की दिशा में निष्ठा पूर्वक आगे बढिये। व्यसनों की तिलांजली दीजिये। भाग्योदय की यही सही दिषा है। मुनिवर के मार्मिक उद्बोधन से समग्र विधालय परिसर भावविभोर होकर तालियों से गूंज उठा।
रविवार को होगा केसर का महाभिषेक
गणि प्रषंातसागर महाराज ने बताया कि रविवार प्रात: नाकोड़ा पाश्र्वनाथ की प्राचीन प्रतिमा पर असली केसर का महाभिषेक होगा। तखतगढ़ निवासी मांगीलाल जैन परिवार इस आयोजन का लाभार्थी है। इस महाभिषेक हेतु मुंबई से 250 श्रद्धालु नाकोड़ा आयेंगे।

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