बालोतरा। शहर के प्रजापतों के वास में रहने वाले एक ही परिवार के दो सगे भाईयों के परिवार के चार सदस्यों की गुजरात के नडियाद में पानी में डूबने से मौत हो गई। जिनके शव सोमवार को बालोतरा पहुंचने पर गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। शव बालोतरा पहुंचने पर मौहल्ले में लोगों के घरों के चूल्हें तक नहीं जले और हर तरफ क्रुंदन और चीत्कार ही सुनाई दे रही थी। मृतकों के परिजनों को ढ़ाढस बंधाते हुए प्रजापत समाज सहित विभिन्न समाजों के हजारों लोगों ने शव यात्रा में भाग लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बालोतरा के मूल निवासी त्रिलोकचंद पुत्र मोमताराम प्रजापत का परिवार व उनके भाई खीमराज का पुत्र रविवार को अहमदाबाद से नडियाद के पास डाकोरजी तीर्थ के समीप स्थित गलतेश्वर महादेव मंदिर पर दर्शन करने के लिए गए थे। वहां की मान्यता है कि दर्शन करने से पूर्व मंदिर के पास बह रहीं नदी में स्नान करना या हाथ पैर धोना आवश्यक है। नदी मेंं स्नान करते समय राजेश पुत्र त्रिलोकचंद 19 वर्ष,वदामी देवी पत्नी त्रिलोकचंद 38 वर्ष,सोनिया पुत्री त्रिलोकचंद 16 वर्ष व विकास पुत्र खीमराज प्रजापत उम्र 16 वर्ष की डूबने से मौत हो गई। त्रिलोकचंद को डूबते हुए को उसके भाई की पुत्री ललिता ने जैसे तैसे कर बचा लिया।
छोटे भाई की पुत्री ने दिखाया साहस
ललिता ने डूबने की खबर अपने बड़े पिताजी नगराज प्रजापत बालोतरा को मोबाईल पर देकर बताया कि त्रिलोकचंद का पूरा परिवार पानी डूब गया है। नगराज प्रजापत के कहे अनुसार ललिता ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया। चिल्लाने की आवाज सुनने पर दूर खड़े अनेक लोग दौड़ कर आए। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और गोताखोरों के सहयोग से शवों को बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को शव सुपुर्द कर दिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बालोतरा के मूल निवासी त्रिलोकचंद पुत्र मोमताराम प्रजापत का परिवार व उनके भाई खीमराज का पुत्र रविवार को अहमदाबाद से नडियाद के पास डाकोरजी तीर्थ के समीप स्थित गलतेश्वर महादेव मंदिर पर दर्शन करने के लिए गए थे। वहां की मान्यता है कि दर्शन करने से पूर्व मंदिर के पास बह रहीं नदी में स्नान करना या हाथ पैर धोना आवश्यक है। नदी मेंं स्नान करते समय राजेश पुत्र त्रिलोकचंद 19 वर्ष,वदामी देवी पत्नी त्रिलोकचंद 38 वर्ष,सोनिया पुत्री त्रिलोकचंद 16 वर्ष व विकास पुत्र खीमराज प्रजापत उम्र 16 वर्ष की डूबने से मौत हो गई। त्रिलोकचंद को डूबते हुए को उसके भाई की पुत्री ललिता ने जैसे तैसे कर बचा लिया।
छोटे भाई की पुत्री ने दिखाया साहस
ललिता ने डूबने की खबर अपने बड़े पिताजी नगराज प्रजापत बालोतरा को मोबाईल पर देकर बताया कि त्रिलोकचंद का पूरा परिवार पानी डूब गया है। नगराज प्रजापत के कहे अनुसार ललिता ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया। चिल्लाने की आवाज सुनने पर दूर खड़े अनेक लोग दौड़ कर आए। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और गोताखोरों के सहयोग से शवों को बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को शव सुपुर्द कर दिए।
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