बालोतरा। उपखंड क्षेत्र में इन दिनों गर्मी के साथ उमस के प्रकोप से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। शुक्रवार को पारा 46 पार पहुंच गया तो ऐसा लगा की आसमान से आग बरस रही है,ऐसे में हर कोई गर्मी से बेहाल नजर आया। आधी रात तक गर्मी का असर होने से लोग चैन की नींद को तरस गए हैं। सूखे तालाब-नाडियों पर बेसहारा पशुओं की दिक्कतें अधिक बढ़ गई है। भूख व प्यास के मारे पशुओं की हालत खस्ता हुई जा रही है। गर्मी का असर इतना है कि सुबह आठ बजे बाद ही वातावरण में ठंडक गायब हो जाती है।
11 बजे तक धूप अधिक तीखी होने पर लोग आवश्यक कामकाज निपटा कर अपने कार्यस्थलों अथवा घरों में कैद हो जाते हैं। बाजारों में भी चहल पहल कम नजर आती है। दोपहर में कूलर व एयर कंडीशनर शुरू कर लोग गर्मी से निजात पाने की कोशिश करते हैं। इन दिनों आइसक्रीम, लस्सी, ज्यूस, शिकंजी, दहीबड़ा सभी पसंद बने हुए हैं। शाम पांच बजे बाद बाजारों में फिर चहल पहल नजर आती है। रात दस बजे तक बाजारों में चहल-पहल रहती है। गर्मी से बचने के लिए शीतल पेय पदार्थों शिंकजी आदि का सहारा लेना पड़ रहा है। भीषण गर्मी, चिलचिलाती धूप व लू के कारण आमजन के साथ- साथ पशु पक्षियों की भी हालत खस्ता हो रही है।
11 बजे तक धूप अधिक तीखी होने पर लोग आवश्यक कामकाज निपटा कर अपने कार्यस्थलों अथवा घरों में कैद हो जाते हैं। बाजारों में भी चहल पहल कम नजर आती है। दोपहर में कूलर व एयर कंडीशनर शुरू कर लोग गर्मी से निजात पाने की कोशिश करते हैं। इन दिनों आइसक्रीम, लस्सी, ज्यूस, शिकंजी, दहीबड़ा सभी पसंद बने हुए हैं। शाम पांच बजे बाद बाजारों में फिर चहल पहल नजर आती है। रात दस बजे तक बाजारों में चहल-पहल रहती है। गर्मी से बचने के लिए शीतल पेय पदार्थों शिंकजी आदि का सहारा लेना पड़ रहा है। भीषण गर्मी, चिलचिलाती धूप व लू के कारण आमजन के साथ- साथ पशु पक्षियों की भी हालत खस्ता हो रही है।
No comments:
Post a Comment