रिफाइनरी स्थल पर पीएम की सभा का खारवाल समाज करेगा बहिष्कार,
अपने घरों पर काले झंडे लहराकर पीएम का करेंगे विरोध
-रिफायनरी क्षेत्र में जमीदोज हो रही 600 साल पुरानी नमक की खाने, नमक उत्पादको में भारी रोष
बालोतरा
पचपदरा क्षेत्र मे साल्ट के रिफाइनरी क्षेत्र में राज्य व केंद्रित भाजपा सरकार द्वारा लवण उद्योग को पहुंचाए जा रहे नुकसान को लेकर लवण उत्पादक खारवाल समाज में भारी रोष नज़र आ रहा हैं।
नमक उत्पादको ने बताया 600 वर्ष पुराने इस परंपरागत नमक उद्योग से जुड़े परिवार अपनी आंखों के सामने प्रशासन द्वारा पाटी जा रही खानों को बचाने में खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।
पुलिस और प्रशासनिक अमला दल-बल के साथ नमक की खानों को बर्बाद कर लाठी में कानूनी कारवाई का डर दिखाकर पुरखों की विरासत और थाली को तहस-नहस कर खारवालो के हितों को कुचलने पर आपदा है।
करीब 200 खानों की बर्बादी के बावजूद सरकार की ओर से नुकसान प्रभावित नमक उत्पादको को मुआवजा विशेष पैकेज या पूनर्णवास जैसे लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित रखा जा रहा है, जो सरासर गलत एवं तानाशाही है।
जिला प्रशासन एवं उपखंड प्रशासन के माध्यम से बार बार सरकार तक लिखित बात वह पीड़ा पहुंचाने के बावजूद सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है और ना ही कोई सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।
खारवाल समाज को मुख्यमंत्री से बात करने का मिला झांसा -
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिलान्यास कार्यक्रम में शरीक होने के प्रस्तावित दौरे को देखते हुए पिछले कुछ दिनों से प्रशासन ने कुछ नरमी दिखाते हुए यह झांसा दिया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 4 जनवरी 2018 को यहां तैयारियों का जायजा लेने के लिए आ रही है। इस दौरान खारवाल समाज से वार्ता करवा कर संतुष्ट कर दिया जाएगा तथा नुकसान प्रभावितों को उचित रुप से संतुष्ट भी कर दिया जाएगा।
जिला कलेक्टर बाड़मेर, उपखंड अधिकारी बालोतरा, पचपदरा तहसीलदार ने खारवाल समाज तथा प्रतिनिधिमंडल को गुमराह कर इस तरह से माहौल बनाया कि सांभरा आशापुरा माता मंदिर में आगमन के समय मुख्यमंत्री खारवालो से बात भी करेगी और उचित घोषणा भी हितार्थ करेगी। लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। अधिकारियों के झांसे में आकर खारवाल समाज ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत भी किया लेकिन, उम्मीदों पर पानी उस समय फिर गया जब मुख्यमंत्री ने लवण उद्योग को हो रहे नुकसान को लेकर न तो कोई जिक्र किया और ना ही खारवाल समाज के हितार्थ कोई घोषणा की।
मुख्यमंत्री सहित जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति खारवाल समाज मे रोष
मुख्यमंत्री के इस रुख से समाज में भारी रोष है। साथ ही जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार तथा पुलिस के अधिकारियों की झांसेबाजी को लेकर कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। इसको लेकर पचपदरा के जागनाथ महादेव मठ मे खारवाल समाज द्वारा गुरुद्वारा में बैठक आयोजित कर खारवाल समाज तथा समाज के विभिन्न संगठनों की बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान समाज को अपनी बात रखने का मौका नहीं देने पर आक्रोश प्रकट करते हुए खारवाल समाज ने प्रधानमंत्री की सभा का पूरी तरह से बहिष्कार कर सभा वाले दिन खारवाल समाज अपने घरो पर काले झंडे लगा कर विरोध करने का निर्णय लिया।
चेतावनी- खारवाल समाज उतरेगा सड़कों पर
पचपदरा में खारवाल समाज के प्रति दुर्भावना के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। सरकार नमक उत्पादक खारवाल समाज के हितो की सुरक्षा को सुनिश्चित कर समाज की ओर से प्रस्तुत मांग पत्र पर अमल नहीं करती है तो व्यापक स्तर पर जन आंदोलन किया जाएगा। जिसमें भारत भर के विभिन्न प्रांतों में रहने वाले करीब 13 लाख खारवालों द्वारा सक्रिय रुप से सहयोग कर नमक सत्याग्रह आंदोलन की तर्ज का दोहरान किया जाएगा। जिसकी तमाम जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की रहेगी।
No comments:
Post a Comment