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Sunday, January 21, 2018

कलेक्टर साहब किसानो की भी पीड़ा सुनो

कलेक्टर साहब हम किसानो की भी सुनो
बालोतरा
प्रदूषण निवारण एवम् पर्यावरण संरक्षण समिति ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर टेक्सटाइल प्रदूषण की रोकथाम करवाने, एनजीटी के आदेश की पालना करवाने व ईटीपी आधारित इकाइयों की सघन जाँच करवाने की मांग की है। ज्ञापन मे बताया गया कि जब से आप बाड़मेर जिले के कलेक्टर के रूप मे नियुक्त हुए है तब से आपसे हम किसान निवेदन कर रहे है कि टेक्सटाइल उद्योग से निकलने वाले रासायनिक प्रदूषन की रोकथाम नही होने से किसान की रोजी रोटी खत्म हो रही है ओर प्रदूषण की रोकथाम की नितांत जरूरत है ,पर आप द्वारा इस संबंध मे किसानो को राहत दिलाने के लिए कोई आवश्यक कदम नही उठाये जा रहे है। हम किसानो को आपने कहा था कि आप किसानो को मिलने का समय देंगे पर अभी तक आपके पास किसानो के लिए वक्त नही निकला है। हम किसान आपसे मिलकर अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहते है अतः हमे समय दिया जाये।बालोतरा सीईटीपी ट्रस्ट के पदाधिकारी मनमाने ढंग से प्लांट का संचालन कर रहे है। ट्रस्ट ने अपने स्तर पर एनजीटी के आदेश को ताक पर रखकर 106 इकाइयों को एनओसी दे दी है जबकि एनजीटी ने नए उद्योग शुरू करने पर रोक लगा रखी है। उक्त 106 इकाइयों को अभी प्रदूषण नियंत्रण मंडल से संचालन की अनुमति नही मिली है फिर भी इकाइयों का संचालन जारी है। आप सीईटीपी प्रबोधन कमिटी के अध्यक्ष है ओर आपको भी इसकी जानकारी दी जा चुकी है। पर अभी तक इन 106 अवैध इकाइयो को बंद नही करवाया गया है। प्रदूषण नियंत्रन मंडल का कहना है कि उन इकाइयों को बंद करवाने के लिए प्रबोधन कमिटी अध्यक्ष जिला कलेक्टर को निर्देश दिए जा चुके है। यदि आपको निर्देश मिल चुके है तो उनकी पालना क्यो नही करवाई जा रही है? औद्योगिक क्षेत्र बालोतरा मे एनओसी से संचालित होने वाली वेध इकाइयां भी क्षमता से ज्यादा मशीनरी का संचालन कर अवैध का काम कर रही है।
बालोतरा,जसोल,बिठूजा,गांधिपुरा, जेरला रोड इलाको मे संचालित इकाइयों मे एनजीटी के निर्देशो की पालना नही हो रही है। एनजीटी के निर्देश की पालना मे अधिकांश इकाइयों मे फ्लो मीटर,स्कादा सिस्टम,प्राइमरी ट्रीटमेंट प्लांट आदि नही लगे है फिर भी इकाइयों का संचलन शुरू कर दिया गया है। जो एनजीटी के आदेश की अवहेलना है। क्षेत्र मे ईटीपी आधारित इकाइयां एनजीटी के आदेशो की पालना नही कर रही है। क्षेत्र मे संचालित कुछ ही इकाइयां अपनी स्लज रमकी स्लज निस्तारण केंद्र मे भेज रही है जबकि बाकी की इकाइयां स्लज कहा डाल रही है इसकी कोई जानकारी नही है। टेक्सटाइल इकाइयों से निकलने वाला धुँआ क्षेत्र के लोगो को श्वाश की बीमारियो की सौगात दे रही है। धुए को आकाश मे उड़ाने के लिए लगी चिमनियों की ऊंचाई मानको से कम् है। इकाइयों मे प्रतिबंधित कोयला काम मे लिया जा रहा है। जानकारी के बावजूद प्रदूषण नियंत्रन मंडल के अधिकारी मौन है। प्रसाशन  इन समस्याओ पर कार्यवाही करवाकर किसानो को राहत दिलावे अन्यथा किसानो को सक्षम न्यायालय, एनजीटी की शरण लेनी होगी जिसकी जिम्मेवारी जिला प्रसाशन की रहेगी।

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