*सिवाना महाविद्यालय छात्र संघ चुनाव में पारदर्शिता एवं निष्पक्ष चुनाव के अभाव में एनएसयूआई ने कड़ा ऐतराज जताते चुनाव का किया बहिष्कार।*
सिवाना
राजकीय महाविद्यालय छात्र संघ चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन NSUI के अध्यक्ष पद की प्रत्याशी काजल सेठिया व सयुक्त सचिव श्रवण मेघवाल, प्रस्तावक तनुष्का राजपुरोहित, समर्थक पिंकी सुथार, सलमा हाडा के द्वारा बुधवार को निर्वासन अधिकारी के समक्ष नामंकन करने के दौरान भाजपा के जिला परिषद सदस्य सोहन सिंह भायल, इंदाराम पटेल, विधायक पुत्र भगवत सिंह भायल व दर्जनों भाजपा कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय परिसर मे अनाधिकृत प्रवेश कर लिंगदोह कमेटी के दिशा निर्देशों की जमकर धज्जिया उड़ाते हुए नामंकन करने से रोका तथा दुर्व्यवहार किया तथा महाविद्यालय प्राचार्य व निर्वासन अधिकारी मूकदर्शक बने रहे उसके उपरांत एनएसयूआई प्रत्याशियों के नही रुकने पर भाजपा कार्यकर्ता महेंद्र सिंह जो कि शराब के नशे में धुत था व बाहरी व्यक्ति है तथा महाविद्यालय का नियमित विद्यार्थी नही है ने निर्वाचन अधिकारी की टेबल पर अध्यक्ष प्रत्याशी काजल सेठिया के नामंकन पेश करते वक्त उनकी प्रस्तावक तनुष्का राजपुरोहित, समर्थक पिंकी सुथार, सलमा हाडा के साथ उक्त बाहरी व्यक्ति ने गाली गलौज करते हुए नामंकन पत्र को निर्वाचन अधिकारी के सामने दशहत फैलाते हुए आवेदन पत्र को फाड़ दिया और वहां से रफूचक्कर हो गया। वहां उपस्थित पुलिस अधिकारी ने उसका पीछा भी किया लेकिन अचानक हुए घटनाक्रम में वह भागने में सफल हो गया व सयुक्त सचिव प्रत्याशी को भी गाली गलौज करते हुए डरा धमकाकर उसका भी आवेदन फाड़ा। जिस पर एनएसयूआई के प्रत्याशियों, छात्रों ने महाविद्यालय प्रशासन के समक्ष कड़ा विरोध जताया जिस पर महाविद्यालय प्रशासन व निर्वासन अधिकारी ने उसी समय नया आवेदन पत्र भरवाकर जमा कर लिया लेकिन भाजपा के जिला परिषद सदस्य सोहन सिंह भायल, इंदा राम पटेल, विधायक पुत्र भगवत सिंह भायल के नेतृत्व में प्राचार्य कक्ष के बाहर प्रशासन मुर्दाबाद पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए गए निर्वासन अधिकारी पर दबाव बनाया गया। आवेदन को निरस्त करने का लेकिन पुलिस अधिकारी चंद्र सिंह भाटी व निर्वासन अधिकारी ने भाजपा के गैर वोटर की एक नही सुनी और उन सभी को परिसर से बाहर निकाला।
तत्पश्चात आज गुरुवार को महाविद्यालय प्राचार्य व निर्वासन अधिकारी ने स्थानीय भाजपा विधायक के राजनीतिक दबाव में आकर अध्यक्ष पद की प्रत्याशी काजल सेठिया के आवेदन पत्र में स्नातक द्वितीय वर्ष के अंकतालिका की प्रतिलिपी व प्रत्याशी के हस्ताक्षर न होने का हवाला देते हुए का आवेदन पत्र खारिज कर दिया। जबकि प्राचार्य की नैतिक जिम्मेदारी बनती थी महाविद्यालय परिसर में हुए घटना क्रम को लेकर आवेदन पत्र फाड़ने वाले भाजपा के कार्यकर्ता के खिलाफ पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई जाए जिससे निकट भविष्य में इस प्रकार घटना की पुनरावृत्ति न हो कानून व्यवस्था बनी रहे चुनाव निष्पक्ष व पारदर्शितापूर्ण होने की पूर्ण सम्भावना बनी रहती।
लेकिन उक्त घटना क्रम से आहत होकर एनएसयूआई के उपाध्यक्ष प्रत्याशी विनोद प्रजापत, महासचिव उत्तम सिंह राजपुरोहित ने अपने आवेदन वापस ले लिए और छात्र संघ चुनाव में निष्पक्षता और पारदर्शिता के अभाव में एनएसयूआई ने गांधीवादी तरीके से पूर्ण बहिष्कार कर कड़ा विरोध जताया।
सिवाना महाविद्यालय छात्र संघ एनएसयूआई प्रभारी हुकम सिंह अजीत ने कहा कि सरकार एक तरफ "बेटी बचाओ, बेटी पढाओं" बालिका शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, जनप्रतिनिधित्व में महिलाओं की पचास प्रतिशत भागीदारी की पैरोकारी करती है जबकि वास्तविकता में भाजपा की कथनी और करनी में रातदिन का फर्क है अतः हमने छात्र संघ चुनाव को लेकर बनाई गई लिंगदोह कमेटी व चुनाव आयोग से लोकतंत्र को शर्मशार करती छात्र संघ चुनाव की उक्त घटना पर आक्रोश जताते हुए चुनाव रदद् कर पुनः पूर्ण पारदर्शिता पूर्ण निष्पक्ष चुनाव करवाने की मांग की है।
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