राजस्थानी की बसो ने कर्नाटक ने कांग्रेस की जीत की राह की पक्की
बैंगलोर
यु तो मारवाड़ी पूरे देश मे अपनी व्यापारिक बुद्धिमता का लोहा मनवा रहे है ओर अब साथ ही प्रवासी मारवाड़ी देश की राजनीति के समीकरणों को भी बड़ी सफलता से हासिल करने के गुर सीख रहे है। हम बात कर रहे है कर्नाटक मे सत्ता की फिल्म मे चार दिनों की उठापठक की। भाजपा ने कांग्रेस-जेडीएस की बाड़बंदी मे खूब सेंध लगाने की कोशिश की पर पाली जिले के सिरियारी के मूल निवासी व पिछले कई दशको से बेंगलोर मे बसे धनराज पुत्र पारसमल शर्मा की "शर्मा "ट्रावेल्स की बसो ने भाजपा-जेडीएस के विधायको को इतनी गोपनिय तरीके से अलग अलग स्थानों पर घुमाया कि किसी को कोई खबर नही रही। शर्मा ट्रैवेल्स की बसो से जब विधायक उतरे तो ये बसे चर्चा का विषय बन गयी। यु कहे कि मारवाड़ी की बसो से कांग्रेस-जेडीएस के मंसूबे सफल हो पाये है तो अतिशयोक्ति नही होगी। गोपनीय तरीके से 4 दिनों तक शर्मा ट्रैवल की बसो ने 116 विधायको को भाजपा से दूर रखने की मुख्य भूमिका अशोक गहलोत के नेतृत्व मे सुनील शर्मा व तेजराज शर्मा ने निभाई।
500 से अधिक बसो का है कारोबार-
आपको बता दे कि शर्मा ट्रैवेल्स के संस्थापक डीपी शर्मा कांग्रेस की रजनिति मे सक्रिय है। वे 1980 मे कांग्रेस की टिकट पर बंगलोर से चुनाव लड़ चुके है। डीपी शर्मा के भांजे शर्मा ट्रैवल की 500 से अधिक बसो का कारोबार संभाल रहे है।
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