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Friday, May 4, 2018

अब वरिष्ठ वैज्ञानिक करेंगे लूणी नदी मे रासायनिक प्रदूषण के हालातो की जांच,एनजीटी मे हुई पेशी

दिल्ली
आज एनजीटी मे बालोतरा के टेक्सटाइल प्रदूषण की रोकथाम को लेकर एडवोकेट दिग्विजय सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई। मुख्य पीठ मे जज माननीय राघवेंद्र सिंह ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान जज राघवेंद्र सिंह ने एनजीटी के निर्देश की पालना मे जांच नही करने कर रिपोर्ट एनजीटी मे नही भेजने को लेकर गहरा असंतोष जताया। एनजीटी ने कहा कि जब राज्य प्रदूषण नियंत्रन मंडल व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल को हर तीन माह मे संयुक्त जांच करने के निर्देश दिए है तो जांच कोर्ट मे पेश क्यो नही की जा रही है। एनजीटी ने सख्त लहजे मे कहा कि अगर दोनो विभाग ऐसी जांच नही करने के इच्छुक हो तो जांच एनजीटी अपने स्वयं के स्तर पर करवा सकती है जिसका हर्जा-खर्चा राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल से वसूला जा सकता है। ट्रस्ट के वकीलो ने  अपना पक्ष रखा। बचाव पक्ष का कहना था कि लूणी नदी मे अभी किसी प्रकार का प्रदूषित पानी नही डाला जा रहा है जबकि एडवोकेट दिग्विजय ने प्रसाशन की  ताजा सत्यापित रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमे उपखंड अधिकारी ने बताया है कि लूणी नदी की भूमि मे प्रदूषित पानी का जमाव है। जिस पर कोर्ट ने असंतोष जताते हुए कहा कि अब वरिष्ठ वैज्ञानिक अजय देशपांडे को लूणी नदी मे रासायनिक प्रदूषण की जांच को भेजा जायेगा। साथ ही हालातो मे सुधार नही होने पर एनजीटी फिर से  कड़े कदम उठा सकती है। अगली पेशी अब 6 जुलाई को होगी। इस दौरान प्रदूषण निवारण एवम् पर्यावरण संरक्षण समिति अध्यक्ष तुलसाराम चौधरी व ओमप्रकाश सोनी भी मौजूद रहे।

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