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Sunday, May 13, 2018

धर्म को समाज व शिक्षा से जोड़े- लोकेशमुनि

*अहिंसा विश्व भारती संस्था की ओर से संस्थापक आचार्य डॉ लोकेशमुनिजी की जन्मभूमि पचपदरा में जनकल्याणकारी कार्यों हेतु 61 लाख रूपये की घोषणा*
जन्भूमि पचपदरा के श्रीमती भंवरीदेवी सोहनराज सालेचा रा.उ.मा.वि.में
जैन आचार्य डा. लोकेश मुनि, संस्थापक अहिंसा विश्व भारती का वक्तव्य
धर्म को समाज सेवा और शिक्षा से जोड़े – आचार्य लोकेश
पचपदरा
धर्म को समाज सेवा से जोड़कर उसे मानव कल्याण का मार्ग बनाना वर्तमान की आवश्यकता है । देश में लाखों लोग किसी न किसी धर्म का अनुसरण करते है , युवाओं में भी धर्म के प्रति आस्था है ओर जरुरत है कि धर्म को समाज सेवा और शिक्षा से जोड़ा जाये और उसके माध्यम से समाज में उत्पन्न हो रही कुरीतियों को ख़त्म कर समाज को विकास की ओर ले जाया जाये । ये बात आचार्य लोकेश मुनि ने अपने उद्बोधन मे कही। उन्होंने कहा कि  मैंने आज एस.के.शाह पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किये जा रहे जनहित कार्यों का अवलोकन किया ।  समाज सेवा व शिक्षा के क्षेत्र की किया जा रहे उल्लेखनीय कार्यो के लिए  सोहनलाल सालेचा, श्रेयांस कुमार के साथ समस्त सालेचा परिवार, श्रीमती भंवरीदेवी सोहनराज सालेचा रा.उ.मा.वि. के प्रधानाचार्य व समस्त स्टाफ अभिनन्दन के पात्र है ।  मुझे आशा है आने वाले समय में भी इसी प्रकार आप समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक उर्जा के साथ कार्यरत रहेंगे।
लोकेश मुनि ने कहा कि भारतीय संस्कृति बहुलतावादी संस्कृति है।  अनेकता में एकता उसकी मौलिक विशेषता है । राजस्थान भारतीय संस्कृति का अटूट अंग है । भारत की अनेकता में एकता की संस्कृति का विश्व के कोने कोने में स्वागत होता है । इसी संकृति को विश्व शांति व सद्भावना का माध्यम बनाने के उद्देश्य से मैं शीघ्र अमेरिका की विश्व शांति व सद्भावना यात्रा पर रवाना हो रहा हूँ | भारतीय संस्कृति और धार्मिक एकता के माध्यम से ही विश्व शांति व सद्भावना की स्थापना संभव है|

धर्म जीवन जीने की वैज्ञानिक शैली है| सभी धर्म और सम्प्रदाय मानवता की शिक्षा देते है | आज के युवाओं को सही दिशा दिखाना आवश्यक है | उन्हें देश हित के लिए काम करने की दिशा में प्रेरित करना आवश्यक है | समाज में विकास के लिए आवश्यक है सभी वर्गों के लिए शिक्षा व कौशल के अवसर उपलब्ध हो | हम धर्म के माध्यम से यदि युवा पीढ़ी को शिक्षित करने का व साथ में कौशल विकसित करने के अवसर देंगे तो समाज व देश के लिए बेहद लाभदायक होगा |

आज के समय में धर्म का सही रूप कहीं खोता जा रहा है | धर्म के क्षेत्र में हिंसा, घृणा और नफरत का कोई स्थान नहीं हो सकता| संवाद के द्वारा, वार्ता के द्वारा हर समस्या को बैठ कर सुलझाया जा सकता है| उसके लिए सबसे पहले जरूरी है, हम अपने अस्तित्व की तरह दूसरों के अस्तित्व का, विचारों का सम्मान करे।
इस दौरान पचपदरा ग्रामवासियो ने आचार्य डॉ लोकेश मुनिजी से नवकार मंत्र सुन आशीर्वाद लिया।

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