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Wednesday, September 12, 2018

एनजीटी के आदेश फांक रहे धूल इसलिए एनजीटी के दुष्परिणाम भुगतने को तैयार रहे टेक्सटाइल उद्योग:अपर्णा अरोड़ा

बालोतरा के टेक्सटाइल उद्योग के रासायनिक प्रदूषण का मामला
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने बुलाई किसानों की बैठक
बैठक में सीईटीपी ट्रस्ट को कड़ी फटकार
कहा हालातो में नही हो रहा सुधार तो एनजीटी के कोप के लिए तैयार रहे सीईटीपी व टेक्सटाइल उद्यमी।
चेयरमैन ने मांगा सीईटीपी का हिसाब-किताब, जल्द ही होगी सीईटीपी की ऑडिट
ओमप्रकाश सोनी 9424532417
प्रदूषण निवारन एवम पर्यावरण संरक्षण समिति की राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की चेयर पर्सन के साथ खनन मुख्यालय जयपुर में बैठक हुई। बैठक में जिला प्रसाशन प्रतिनिधि, सीईटीपी पदाधिकारी सहित मंडल के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। प्रदूषण निवारण एवम पर्यावरण संरक्षण समिति के प्रवक्ता कनाराम साईं ने बताया कि बैठक में किसानों ने बालोतरा में रासायनिक प्रदूषण की समुचित रोकथाम करवाने ओर मरूगंगा लूनी नदी में रासायनिक प्रदूषण की आवक बंद करवाने के लिए सुझाव दिए।
चेयर पर्सन अपर्णा अरोड़ा को दिए पत्र में समिति व किसानों ने बताया कि  बालोतरा में संचालित टेक्सटाइल उद्योगों से निकलने वाले  रासायनिक प्रदूषण की समुचित रोकथाम नही होने से इसका खामियाजा यहां की भूमि, खेतो व लूनी नदी को भुगतना पड़ रहा है। नदी व खाली भूखंडों में रासायनिक प्रदूषित पानी, स्लज आदि डाली जा रही है जिससे भूमि के उपजाऊपन व भूजल पर बुरा असर पड़ रहा है। भूजल पर बुरा असर पड़ने से खेत बंजर हो रहे है और किसान बेरोजगार हो रहे है। हम किसानों का आप से हाथ जोड़कर निवेदन है कि इस क्षेत्र की मरूगंगा लूनी नदी को खत्म होने से बचाने के लिए रासायनिक प्रदूषण की मानकों के अनुसार रोकथाम करने का एक्शन प्लान बनाकर राहत दिलावे । किसानों व प्रदूषण निवारण एवम पर्यावरण संरक्षण समिति के सुझाव निम्न है-
बालोतरा जसोल व बिठूजा में एचआर टी एसभूमी की अनुमति  किस विभाग ने दी है  ओर किन खसरों में संचालन की अनुमति दी गई है। खारोडीया से जसोल व गांधीपुरा से बिठूजा में तक 5किलोमीटर जो पाइप लाइन डाली गयी है उससे रिसकर रासायनिक प्रदूषित पानी लूनी नदी में जा रहा है।  रासायनिक खाद प्रदूषित पानी लूणी नदी में से होता हुआ है सीईटीपी ट्रस्ट तक जाता है । नदी मे रासायनिक प्रदूषित पानी डालकर कर पाइप लाइनों की साफ सफाई की आड में रासायनिक प्रदूषित पानी लूणी नदी में डाला जा रहा है जिससे लूणी नदी में रासायनिक प्रदुषण बढ़ रहा है। प्रदूषण  की रोकथाम के लिए नदी की सीमा से पाइप लाइन हटाया जाए तो लुनी नदी में प्रदूषित नही होगा।
बालोतरा जसोल व बिठूजा में 106 बालोतरा 26बिठूजा 9 टेक्सटाइल इकाइयो का अवैध संचालन हो रहा है । इन इकाइयो के पास मंडल की संचालन सक्षम अनुमति नही है जो प्रदूषण का सबब बन रही है। जसोल में पिछले 3साल से चल रही अवैध इकाइयों से निकलने वाला रासायनिक  पानी सीईटीपी ट्रस्ट द्वारा निस्तारण के लिए  प्लांट में लिए जा रहा है। सीईटीपी ट्रस्ट खुद अवैध इकाइयो को संचालन की शह दे रहा है। बालोतरा जसोल व बिठूजा में सीईटीपी व ईटीपी इकाइयों का  एक ही परिसर मे संचालन हो रहा है।  सीईटीपी  से जुड़ी होने की वजह से ही सीईटीपी प्लांट मे ईटीपी का पानी भी डाला जा रहा है ।  सीईटीपी ट्रस्ट द्वारा एक ही परिसर में ईटीपी के साथ संचालित सीईटीपी कनेक्टिविटी वाली इकाइयो के खिलाफ कार्यवाही नही की जा रही है ।
बालोतरा जसोल व बिठूजा में वाशिंग का पानी को रीयूज तकनीक से जोड़कर बचाया जा सकता है।  प्रोसेस ने निकलने वाले पानी का पुनः उपयोग किया जाए तो प्रति दिन30लाख लीटर पानी प्लांट में प कम जाएगा और जल दोहन भी पर भी रोकथाम होगी
बालोतरा, जसोल , बिथयजा सहित पूरे औद्योगिक क्षेत्रों में स्लज का निस्तारण नहीं हो रहा है। स्लज किसानों के खेतों में डाली जा रही है।
एनजीटी के आदेश की पालना नहीं हो रही है जाँच का विषय है। बालोतरा सीईटीपी प्लांट मे ईटीपी से जेरला- रातानाडा होती है हुई खेडगाव की सरहद में रामकी स्लज निस्तारन केंद्र के पास सीईटीपी ने जोजरी नदी में कच्चा तालाब बनाकर रासायनिक प्रदूषित पानी भर दिया है ।  बालोतरा सीईटीपी ट्रस्ट द्वारा रसायनिक प्रदूषित पानी जोजरी नदी में डालने के लिए  खेडगाव की सरहद  में रामजी की प्लाट के पास एक कच्चा  तलाब बनाकर पाइप लाइन से प्रदूषित पानी जेरला के रातानाडा के रास्तों से डाला जा रहा है। पाइप लाइन खेडगाव की सरहद  में रामकी  प्लाट के पास जा रही है। इस पाइप लाइन से  रासायनिक प्रदूषित पानी डालकर जोजरी नदी को प्रदूषित कर हमारे खातेदारी के खेत में बंजर हो रहे हैं । रास्ते मे पाइप लाइन जगह जगह पर टूटी हुई है जिनसे रासायनिक प्रदूषित पानी रास्तों पर मैं बहता है आवागमन नही हो सकता है।
अतः निवेदन है कि हम किसानो के सुझावों पर विचार करने व रासायनिक प्रदूषण की रोकथाम की पुख्ता व्यवस्था करवाने की मांग की।
किसानों की बात को सुनने के बाद चेयर पर्सन अपर्णा अरोडा ने सीईटीपी ट्रस्ट अध्यक्ष सुभाष मेहता को जमकर लताड़ पिलाई ओर सख्त लहजे में कहा कि हालातो में सुधार की बजाय हालात बिगड़ते जा रहे है ऐसे में एनजीटी की गाज पुनः टेक्सटाइल उद्योग पर गिरनी तय है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो बालोतरा के टेक्सटाइल उद्योग को इसका गंभीर नतीजा भुगतना पड़ेगा। चेयर पर्सन ने कहा कि सरकार सालाना ढाई करोड़ रुपये सीईटीपी प्लांट के संचालन के लिए देती है पर प्लांट में पानी को ट्रीट ही नही किया जा रहा है इसकी सरकार से सीईटीपी ट्रस्ट के ऑडिट की मांग की जाएगी। 106 टेक्सटाइल इकाइयो की एनओसी की फाइल को निरस्त कर दिया गया है फिर भी सीईटीपी ट्रस्ट उन 106 इकाइयो को जोड़े हुए है इससे लगता है सीईटीपी को एनजीटी के आदेश का कोई डर नही है। चेयर पर्सन ने उन 106 इकाइयो को तुरंत बंद करवाने ओर उन इकाई संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश दिये। चेयर पर्सन ने साफ शब्दों में कहा कि सीईटीपी ने जो एचआरटीस प्लांट बना रखे है वी सब नियम विरुद्ध है। एचआरटीस प्लांट केवल  वृक्षरोपन के लिए है जो बिठुजा व बालोतरा एचआरटीएस में नही है। ऐसे में नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। चेयर पर्सन ने कहा कि सीपीसीबी व एनजीटी ने लूनी नदी में सीईटीपी की पाइप लाइनों को हटाने के निर्देश दिए है लेकिन पालना नही हो रही है इन पाइप लाइनों की आड़ में लूनी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी डाला जा रहा है जो एनजीटी के आदेश की अवहेलना है। चेयर पर्सन अपर्णा अरोड़ा ने साफ कहा कि एनजीटी के आदेश की अवहेलना के मामले में ट्रस्ट को गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहना छैएस।

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