गोशाला संचालकों ने मुख्यमंत्री से की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे पशुओं के संरक्षण की मांग
- खेड़ तीर्थ पर श्री राजस्थान गोसेवा समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों का सम्मेलन आयोजित।
बालोतरा। राजस्थान की गोशालाओं की एक मात्र प्रतिनिधि संस्था श्री राजस्थान गोसेवा समिति के बैनरतले गोशाला संचालकों का सम्मेलन गुरुवार को निकटवर्ती रणछोड़राय तीर्थ खेड़ पर आयोजित हुआ। इस दौरान निराश्रित, विकलांग, बीमार, असहाय एवं किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे गोवंश के संरक्षण की व्यवस्था के संबंध में चर्चा कर मुख्यमंत्री के ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी को सौंपा गया।
मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी को दिये ज्ञापन में गोशाला संचालकों ने बताया कि पिछले 5 सालों से विभागीय अधिकारियों, मंत्रीयों व प्रशासन को बार-बार अवगत कराया जा रहा है कि प्रदेश भर में लाखों गोवंश सड़कों, गलियों व खेतों में घूम रहा है। इसमें मुख्य रूप से निराश्रित, बीमार, विकलांग व असहाय नर तथा मादा गोवंश है। इसके संरक्षण की व्यवस्था करना सरकार संवैधानिक दायित्व है। इस गोवंश के कारण सड़कों पर दुर्घटनाओं से सैकडो़ं परिवारों के चिराग बुझ गये है तथा काश्तकारों के खेत में फसल बोने से पहले खाद, बीज व पानी की चिंता कम, फसल के सुरक्षा की चिंता ज्यादा करनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि गत 5 वर्षों से राज्य सरकार की ओर से इस गोवंश संरक्षण के लिये कोई योजना नही बनाई गई है। गोवंश संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए सतत् रूप से प्रयास एक मात्र संस्था श्री राजस्थान गोसेवा समिति की ओर से कई बार ज्ञापन देकर राज्य सरकार, प्रशासन व संंबंधित विभाग के अधिकारियों से इस समस्या के बारे में अवगत कराया गया। मगर इस प्रकार के गोवंश के संरक्षण व संवर्द्धन की ओर कोई ध्यान नही दिया गया। समिति के संत महात्माओं, किसानों, व्यापारियों, वाहन चालकों एवं गोभक्त साधकौं ने ज्ञापन के माध्यम से प्रदेश की मुख्यमंत्री महोदया से इस प्रकार के गोवंश के संरक्षण के लिए हर ग्राम पंचायत म्यालय पर गोसेवा सदन बनाने की व्यवस्था सरपंच के जिम्मे देने की गुहार की है। साथ ही वर्ष भर में 9 माह तक घास-चारा, दवाई व पेयजल की व्यवस्था भी सरकार से करने की अपील की है तथा 3 माह की व्यवस्था समाज की ओर से भामाशाह, दानदाता, गोभक्त की ओर किये जाने की मांग की। इस अवसर पर गोशाला संचालक महंत खुशालभारती महाराज, परेऊ महंत ओमकारभारती महाराज, श्री सुभद्रा माताजी एवं मामाजी महाराज का धाम सड़लानाडा के गादीपति खारवा महंत भुवनेश्वरपुरी महाराज, खण्डप महंत ऊमाकांतगिरी महाराज, अयोध्याप्रसाद गोयल, सवाईसिंह भायल, गणपतसिंह असाडा, भगवतसिंह राठौड़, हड़मानाराम काग, रघुवीरदास वैष्णव, गुलाबभारती, शंकरलाल तरक व किशनाराम काग सहित बडी़ संख्या में गोभक्त मौजूद थे।
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