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Saturday, November 4, 2017

शहीदों की चिताओ पर लगेंगे हर बरस मेले

*शहीद प्रेमसिंह सारण*
शहीदों की चित्ताओं पर हर वर्ष लगेगा मेला,
वतन पर मिटने वालों का बाकी यही निशां रहेगा
राजस्थान न्यूज़ टाइम्स के लिए अतिथि संपादक बंशीलाल चौधरी का विशेष आलेख
प्रेम सिंह सारण की शहादत को को राजस्थान न्यूज़ टाइम्स का सलाम
बालोतरा
मातृ भूमि की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वाले बाड़मेर जिले की *गिड़ा तहसील के शहीद प्रेमसिंह सारण* ने अपने गांव शहर का नाम बलिदान स्थलों में दर्ज कर ग्रामवासियों का मस्तक ऊंचा कर दिया। शहादत और बलिदान जैसे शब्द जहां केवल पढ़े-सुने ही जाते थे, अब ग्रामवासियों के अंतर्मन मे बैठ चुके है। ऐसे ही शहर गांव के वीर सपूत शहीद प्रेमसिंह सारण, आपकी शहादत के किस्से अब बच्चे-बच्चे के  जुबां पर हैं। 
शहादत की रोशनी का दीप जलाकर भीड़ मे छिपे गांव-शहर को देदीप्यमान करने वाले शहीद प्रेमसिंह सारण। आपका जन्म 10 जनवरी 1990 को चौधरी श्री कुम्भाराम के घर तथा माता श्रीमती पेंपो देवी की पवित्र कोख से हुआ। आपके पिता किसान तथा माता गृहणी है। तीन भाईयों में आप सबसे छोटे थे, सबसे बड़े भाई चेतनराम थे, जिनका दुर्भाग्यवश सड़क दुर्घटना में देहान्त हो गया। दूसरा भाई लालाराम वर्तमान में भारतीय सेना में सेवा दे रहा है। आपकी तीन बहने-भीखों देवी, जमना देवी तथा सोनी देवी है। 
आप बचपन से ही विवेकशील, साहसी तथा निडर प्रवृति के थे। आप भाईयों में सबसे छोटे होने के कारण पिता के सबसे लाडले थे।  आपकी स्कूली शिक्षा गांव से ही प्राप्त की। आपने एमडीएसयू विश्वविद्यालय, अजमेर से स्नातक में प्रथम वर्ष किया। इसी दौरान अक्टूबर 2011 मे आपका चयन भारतीय सेना में हो गया। आपकी शादी अप्रैल 2013 को वीरांगना रैना चौधरी से हुई। शहीद के कोई संतान नहीं है तथा वीरांगना जोधपुर से बीएड कर रही है।
5 नवम्बर 2016 को आप छुट्टी मना कर परिवार वालो से जल्दी वापस आने का वादा करके जम्मू के नौसेरा सैक्टर मे देश सेवा के लिए रवाना हो गये। आप द्वारा 7 नवम्बर 2016 को जम्मू से 54 आरआर बटालियन मे जोईनिंग करके 8 नवम्बर 2016 की सुबह अपनी पोस्ट पर सेवा देने निकल गये। अपनी पोस्ट से थोड़े दूर रहे ही थे कि पाकिस्तानी सेना ने सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी।
आप और आपके साथियों ने डटकर बीच रास्ते मे ही दुश्मनों से लोहा लेना शुरू कर दिया। दुभाग्र्यवश दुश्मन की एक गोली  आपके सिर मे लग गई और आप सदा के लिए भारत भूमि की गोद में चिरनिद्रा मे सो गये। आपका पार्थिव देह आपके पैतृक गांव शहर मे लाया गया तथा पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि हुई। आपकी शहादत पर पूरा गांव रोया तथा आपके अंतिम दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े थे।
आपकी शहादत को एक वर्ष पूर्ण होने पर आपके पैतृक गांव शहर में 5 से 8 नवम्बर तक कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा हैं, तथा 8 नवम्बर को आपकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण, देश भक्ति कार्यक्रमों के साथ कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। मै सलाम करता हूं उन तमाम वीर शहीदों को जिनकी और आपकी शहादत की बदौलत हम करोड़ों भारतीय चैन की नींद सोते हैं, ऐशो आराम फरमाते हैं। अंत में एक बार फिर से आपकी शहादत को बारम्बार नमन करता हूं।
जय हिन्द, जय भारत, प्रेम सिंह अमर रहे
*बंशीलाल चौधरी*
*9166522591*

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