किसानों की चिंता बढ़ी, गर्मी में बढ़ सकती है पेयजल समस्या
संपादक भगाराम पंवार की विशेष रिपोर्ट
बालोतरा। उपखंड क्षेत्र में पिछले साल बारिश की कमी व अत्यधिक जल दोहन से घट रहा भू जल स्तर क्षेत्र के ग्रामीणों व किसानों के लिए गत कई वर्षों से चिंता का विषय बना हुआ है। यह सिलसिला पिछले डेढ़ दशक से जारी रहने के कारण वर्तमान में सिंचाई व पेयजल समस्या किसानों के लिए चिंताजनक हो गई है,जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उपखंड क्षेत्र के सिवाना समदड़ी,जेठंत्री,कनाना,सराणा,बिठूजा,आदि ग्राम पंचायतों में जल स्तर सूखने के कारण सैकड़ों कुएं नकारा हो चुके हैं। लोगों को पीने का पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है। वहीं जलदाय विभाग को आसपास के गांवों से कई किलोमीटर दूरी से पानी मंगवाकर काम चलाना पड़ रहा है। गिरते जल स्तर के कारण किसानों का कृषि व्यवसाय चौपट होने के कगार पर है। अपर्याप्त पानी के कारण कृषि कार्य प्रति वर्ष किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित होता जा रहा है।
पेयजल योजनाएं बनी राजनीतिक मोहरा
क्षेत्र में पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए गत एक दशक पूर्व प्रस्तावित की गई फलसूंड-पोकरण-बालोतरा-सिवाना तथा उम्मेद सागर-धवा-कल्याणपुर-समदड़ी-खंडप पेयजल योजनाएं बदलती सरकारों के साथ राजनैतिक फायदे का मोहरा बनती जा रही है। यह योजनाएं पूर्ण रूप से क्रियांवित होती नजर नहीं आने से स्थायी पेयजल समस्या का समाधान दूर की कौड़ी बनता जा रहा है। आगामी गर्मी तक यह योजनाएं पूरी हो जाना ग्रामीणों के लिए अतिआवश्यक है। अन्यथा गर्मी में बालोतरा,समदडी, सिवाना कस्बे सहित क्षेत्र के कई गांवों में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मचना संभावित है।
संपादक भगाराम पंवार की विशेष रिपोर्ट
बालोतरा। उपखंड क्षेत्र में पिछले साल बारिश की कमी व अत्यधिक जल दोहन से घट रहा भू जल स्तर क्षेत्र के ग्रामीणों व किसानों के लिए गत कई वर्षों से चिंता का विषय बना हुआ है। यह सिलसिला पिछले डेढ़ दशक से जारी रहने के कारण वर्तमान में सिंचाई व पेयजल समस्या किसानों के लिए चिंताजनक हो गई है,जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उपखंड क्षेत्र के सिवाना समदड़ी,जेठंत्री,कनाना,सराणा,बिठूजा,आदि ग्राम पंचायतों में जल स्तर सूखने के कारण सैकड़ों कुएं नकारा हो चुके हैं। लोगों को पीने का पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है। वहीं जलदाय विभाग को आसपास के गांवों से कई किलोमीटर दूरी से पानी मंगवाकर काम चलाना पड़ रहा है। गिरते जल स्तर के कारण किसानों का कृषि व्यवसाय चौपट होने के कगार पर है। अपर्याप्त पानी के कारण कृषि कार्य प्रति वर्ष किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित होता जा रहा है।
पेयजल योजनाएं बनी राजनीतिक मोहरा
क्षेत्र में पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए गत एक दशक पूर्व प्रस्तावित की गई फलसूंड-पोकरण-बालोतरा-सिवाना तथा उम्मेद सागर-धवा-कल्याणपुर-समदड़ी-खंडप पेयजल योजनाएं बदलती सरकारों के साथ राजनैतिक फायदे का मोहरा बनती जा रही है। यह योजनाएं पूर्ण रूप से क्रियांवित होती नजर नहीं आने से स्थायी पेयजल समस्या का समाधान दूर की कौड़ी बनता जा रहा है। आगामी गर्मी तक यह योजनाएं पूरी हो जाना ग्रामीणों के लिए अतिआवश्यक है। अन्यथा गर्मी में बालोतरा,समदडी, सिवाना कस्बे सहित क्षेत्र के कई गांवों में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मचना संभावित है।
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