जगह-जगह बने अवैध बस अड्डों से यातायात प्रभावित, कई बार शिकायतें लेकिन नहीं हुई स्थायी व्यवस्था
बालोतरा। शहर में बने अवैध स्टैंडों को अन्यत्र स्थानांतरित करने के संबंध में प्रशासन स्थानीय निकाय की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जानकारी के अनुसार पूर्व में प्रशासन, निकाय परिवहन विभाग ने संयुक्त कार्ययोजना तैयार कर इन अवैध स्टैंडों को अन्यत्र स्थापित करने की योजना बनाई थी। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर नदी के पास निजी बसों के खड़े रहने के लिए स्थान भी निर्धारित किया गया था। इसके बाद इस योजना पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
प्रशासनिक स्तर पर नहीं हो रहे कारगर प्रयास
शहरमें बने अवैध स्टैंडों को अन्यत्र स्थानांतरित करने के संबंध में प्रशासन स्थानीय निकाय की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जानकारी के अनुसार पूर्व में प्रशासन, निकाय परिवहन विभाग ने संयुक्त कार्ययोजना तैयार कर इन अवैध स्टैंडों को अन्यत्र स्थापित करने की योजना बनाई थी। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर नदी के पास निजी बसों के खड़े रहने के लिए स्थान भी निर्धारित किया गया था। इसके बाद इस योजना पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। शहर में भीड़ भरे स्थानों पर बनाए गए इन अवैध बस स्टैंडों के कारण मुख्य मार्ग भी संकरे हो गए हैं। जानकारी के अनुसार जगह-जगह बने इन स्टैंडों के आसपास कई दुकानदारों ने अस्थायी केबिन भी लगा लिए हैं। वहीं इन स्टैंडों के पास कई ठेले वाले भी खड़े रहते हैं। मार्ग पर बने इन केबिनों ठेला चालकं के खड़े रहने की वजह से शहरवासियों को मार्ग पर आवागमन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बसों के आवागमन के दौरान इन स्टैंडों पर टैक्सियों का जमावड़ा रहने से भी मार्ग पर कई बार जाम की स्थिति बन जाती है।
राजस्व का नुकसान
निजी बस संचालकों की ओर से शहर में मनमर्जी से बनाए गए स्टैंडों के कारण नगरपरिषद प्रशासन को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार इन बस संचालकों की ओर से लंबे समय से नगरपरिषद की भूमि बस स्टैंड के लिए इस्तेमाल किए जाने के बावजूद निकाय को किसी प्रकार का शुल्क नहीं दिया जा रहा है।
आवागमन में होती है परेशानी
शहरमें भीड़ भरे स्थानों पर बने इन स्टैंडों के कारण मार्ग पर आवागमन करते समय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन स्टैंडों पर देर शाम तक बसों का आवागमन लगा रहता है तथा यहां बने केबिन ठेलों पर आवारा किस्म के लोग खड़े रहते हैं, जिसके कारण सभ्य परिवार के लोगों का मार्ग से गुजरना मुश्किल हो रहा है।
बालोतरा। शहर में बने अवैध स्टैंडों को अन्यत्र स्थानांतरित करने के संबंध में प्रशासन स्थानीय निकाय की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जानकारी के अनुसार पूर्व में प्रशासन, निकाय परिवहन विभाग ने संयुक्त कार्ययोजना तैयार कर इन अवैध स्टैंडों को अन्यत्र स्थापित करने की योजना बनाई थी। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर नदी के पास निजी बसों के खड़े रहने के लिए स्थान भी निर्धारित किया गया था। इसके बाद इस योजना पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
प्रशासनिक स्तर पर नहीं हो रहे कारगर प्रयास
शहरमें बने अवैध स्टैंडों को अन्यत्र स्थानांतरित करने के संबंध में प्रशासन स्थानीय निकाय की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जानकारी के अनुसार पूर्व में प्रशासन, निकाय परिवहन विभाग ने संयुक्त कार्ययोजना तैयार कर इन अवैध स्टैंडों को अन्यत्र स्थापित करने की योजना बनाई थी। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर नदी के पास निजी बसों के खड़े रहने के लिए स्थान भी निर्धारित किया गया था। इसके बाद इस योजना पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। शहर में भीड़ भरे स्थानों पर बनाए गए इन अवैध बस स्टैंडों के कारण मुख्य मार्ग भी संकरे हो गए हैं। जानकारी के अनुसार जगह-जगह बने इन स्टैंडों के आसपास कई दुकानदारों ने अस्थायी केबिन भी लगा लिए हैं। वहीं इन स्टैंडों के पास कई ठेले वाले भी खड़े रहते हैं। मार्ग पर बने इन केबिनों ठेला चालकं के खड़े रहने की वजह से शहरवासियों को मार्ग पर आवागमन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बसों के आवागमन के दौरान इन स्टैंडों पर टैक्सियों का जमावड़ा रहने से भी मार्ग पर कई बार जाम की स्थिति बन जाती है।
राजस्व का नुकसान
निजी बस संचालकों की ओर से शहर में मनमर्जी से बनाए गए स्टैंडों के कारण नगरपरिषद प्रशासन को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार इन बस संचालकों की ओर से लंबे समय से नगरपरिषद की भूमि बस स्टैंड के लिए इस्तेमाल किए जाने के बावजूद निकाय को किसी प्रकार का शुल्क नहीं दिया जा रहा है।
आवागमन में होती है परेशानी
शहरमें भीड़ भरे स्थानों पर बने इन स्टैंडों के कारण मार्ग पर आवागमन करते समय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन स्टैंडों पर देर शाम तक बसों का आवागमन लगा रहता है तथा यहां बने केबिन ठेलों पर आवारा किस्म के लोग खड़े रहते हैं, जिसके कारण सभ्य परिवार के लोगों का मार्ग से गुजरना मुश्किल हो रहा है।
No comments:
Post a Comment