राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल को नही दिखता लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषण,
पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल की जांच बया कर रही प्रदूषण के हालात।
बालोतरा
प्रदूषण निवारण एवं पर्यावरण संरक्षण समिति द्वारा मरु गंगा लूनी नदी सहित समूचे उपखंड क्षेत्र मे बालोतरा मे संचालित टेक्सटाइल उद्योगों से डाले जाने वाले रासायनिक प्रदूषण से हो रहे नुकसान की पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार से करने के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने सीपीसीबी के माध्यम से बालोतरा, जसोल व बिठुजा मे रासायनिक प्रदूषण के हालातो की जांच करवाई है। समिति के प्रवक्ता कनारामसाई तिलवाड़ा ने बताया कि
जांच मे सीपीसीबी ने साफ माना है कि बालोतरा, जसोल व बिठुजा मे संचालित टेक्सटाइल इकाइयों मे प्रदूषण की रोकथाम के मानको की पालना नही हो रही है। सीपीसीबी के जांच प्रभारी आर एम भारद्वाज ने राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल को पत्र भेजकर प्रदूषण की रोकथाम की सख्त हिदायत दी है। पत्र मे बताया गया है क़ि प्रदूषित पानी को ट्रीट करने के लिए संचालित बालोतरा सीईटीपी व जसोल सीईटीपी मे सही तरीके से प्लांट का संचालन नही हो रहा है जो क्षेत्र मे रासायनिक प्रदूषण का बड़ा कारण है। प्लांट में प्रदूषित पानी का सही तरीके से निस्तारण नही हो रहा है ओर बिना ट्रीट किया हुआ पानी लूनी नदी मे जा रहा है जिससे नदी मे प्रदूषण बढ रहा है। जेरला रोड इलाके मे 57 ऐसी टेक्सटाइल इकाइयों का संचालन हो रहा है जो सीईटीपी से नही जुड़ी है तो उनसे निकलने वाला रासायनिक प्रदूषित पानी कहा डाला जा रहा है? बालोतरा ओर जसोल मे सड़क के किनारे व खाली स्थानों पर सलज के ढेर लगे हुए है। बालोतरा, जसोल ओर बिठुजा मे बड़ी तादाद मे घातक रासायनिक प्रदूषित पानी सड़क किनारे, खेतो व खाली जगहों मे डाला मिला है जो जमीन मे जाकर भूजल की गुणवत्ता पर बुरा असर डाल रहा है। इसलिए खुले मे रासायनिक प्रदूषित पानी डालने वाली इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जरूरत है। लूनी नदी के किनारे पर बनाये गये एचआर टीएस प्लांट ओर उनमे लगे पंखो से लूनी नदी मे प्रदूषित पानी जा रहा है। जांच के दौरान बिठुजा व गांधीपुरा मे पाइप लाइन छतिग्रस्त होने के बहाने से लूनी नदी मे प्रदूषित पानी की आवक होती मिली जो गंभीर है। सीपीसीबी ने इन सभी बिंदुओं पर सुधार रिपोर्ट भेजने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के मेम्बर सेक्रेट्री को तलब किया है। प्रदूषण निवारण एवं पर्यावरण संरक्षण समिति अध्यक्ष तुलसाराम चौधरी ने सीपीसीबी का आभार जताया है।
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