रिपोर्ट @ चेतन सुंदेशा 8003772263
बालोतरा। शहर की खूबसुरती के लिए बनाया गया घंटाघर आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। घंटाघर में खुबसूरती के लिए लगाई घडिया नदारद है। नगर परिषद प्रशासन इसका रखरखाव करता है परंतु इसकी जानकारी होने के बावजूद घडियां नही लगाई जा रहीं है।
सूत्र बताते है कि घडियां तो लगाई हुई थी लेकिन खराबी के चलते इनको हटाया गया है। ऐसे में घडिया नहीं होने से घंटाघर की रौनक भी फीकी पड़ रहीं है। नगर परिषद प्रशासन ने इसके लिए टैंडर निकालने की प्रक्रिया भी की थी परंतु वो भी अनदेखी के चलते ठंडे बस्ते में पड़ी है।
मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है
मेरे कार्यकाल में मैने कोई घडियां देखी हीं नहीं है लेकिन नई घडियों के खरीद के लिए प्रयास किए थे परंतु वो भी फिलहाल ठंडे बस्ते में है आगे प्रयास करेंगे।
शिवपालसिंह राजपुरोहित,आयुक्त नगर परिषद बालोतरा।
बालोतरा। शहर की खूबसुरती के लिए बनाया गया घंटाघर आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। घंटाघर में खुबसूरती के लिए लगाई घडिया नदारद है। नगर परिषद प्रशासन इसका रखरखाव करता है परंतु इसकी जानकारी होने के बावजूद घडियां नही लगाई जा रहीं है।
सूत्र बताते है कि घडियां तो लगाई हुई थी लेकिन खराबी के चलते इनको हटाया गया है। ऐसे में घडिया नहीं होने से घंटाघर की रौनक भी फीकी पड़ रहीं है। नगर परिषद प्रशासन ने इसके लिए टैंडर निकालने की प्रक्रिया भी की थी परंतु वो भी अनदेखी के चलते ठंडे बस्ते में पड़ी है।
मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है
मेरे कार्यकाल में मैने कोई घडियां देखी हीं नहीं है लेकिन नई घडियों के खरीद के लिए प्रयास किए थे परंतु वो भी फिलहाल ठंडे बस्ते में है आगे प्रयास करेंगे।
शिवपालसिंह राजपुरोहित,आयुक्त नगर परिषद बालोतरा।
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