एनजीटी का महत्वपूर्ण फैसला, अगली सुनवाई तिथि नौ जुलाई तक लागू रहेगा फैसला,आठ सौ फैक्ट्रियों में काम बंद होने से प्रभावित होंगे एक लाख लोग
जोधपुर/बालोतरा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसले में प्रदूषण फैला रही बालोतरा की सभी रंगाई-छपाई फैक्ट्रियों को नौ जुलाई तक बंद करने का आदेश दिया। नौ जुलाई को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। एनजीटी के इस फैसले से बालोतरा की करीब आठ सौ फैक्ट्रियों में काम बंद हो जाएगा। इससे जुड़े करीब एक लाख लोगों के समक्ष रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा।
बालोतरा में कपड़ों की रंगाई-छपाई का काम व्यापक स्तर पर होता है। इस कार्य से जुड़ी आठ सौ छोटी-बड़ी इकाइयां वहां पर संचालित हो रही है। इन इकाइयों में कपड़ों की रंगाई व छपाई के बाद निकलने वाले रासायनिक पानी को लूणी नदी में छोड़ा जा रहा है। इस कारण लूणी नदी से सटे क्षेत्रों में भूजल पूरी तरह से खराब हो चुका है। इस मसले को लेकर जसोल के सज्जन सिंह जसोल ने एनजीटी में एक याचिका दायर कर रखी थी। इस याचिका पर आज जोधपुर में सुनवाई करते हुए एनजीटी के न्यायिक सदस्य यूडी साल्वी और विशेषज्ञ सदस्य डी के अग्रवाल की खंडपीठ ने बालोतरा की सभी आठ सौ इकाइयों को आगामी सुनवाई तिथि नौ जुलाई तक पूरी तरह से बंद करने का आदेश दिया। साथ ही राजस्थान राज्य प्रदूषण निवारण मंडल से कहा है कि इस अवधि में वह बालोतरा में प्रदूषण से जुड़ी समस्या के समाधान की रिपोर्ट तैयार कर उस पर अमल करे। अगली सुनवाई तिथि को इस रिपोर्ट के आधार पर बालोतरा की इकाइयों को फिर से शुरू करने या नहीं करने के बारे में एनजीटी निर्णय करेगी।
औद्योगिक नगरी में मचा हडक़ंप
एनजीटी के फैसले का समाचार बालोतरा पहुंचते ही वहां पर इस उद्योग से जुड़े लोगों में हडक़ंप मच गया। बालोतरा की आठ सौ इकाइयों से करीब एक लाख लोग प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए है। बालोतरा की पूरी अर्थव्यवस्था इसी उद्योग से जुड़ी है। बालोतरा की इन इकाइयों में रोजाना करीब पच्चीस लाख मीटर कपड़े पर रंगाई व छपाई का काम होता है।
जोधपुर के लोगों को मिली राहत
बालोतरा की फैक्ट्रियों पर रोक के समाचार से जोधपुर के उद्यमियों के लिए राहत भरा समाचार लेकर आया। बालोतरा में पानी का संकट होने के कारण वहां छपने वाले अधिकांश कपड़े की धुलाई जोधपुर में अवैध तरीके से होती है। इस कारण यहां की जोजरी नदी में प्रदूषण काफी बढ़ गया। इस कारण एनजीटी ने यहां के उद्यमियों पर कई शर्तें थोप दी। अब यहां के उद्यमियों को इस फैसले से कुछ राहत मिली है। उनका कहना है कि अब बालोतरा के कपड़ों की धुलाई यहां पर बंद होने से जोधपुर में प्रदूषण की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
जोधपुर/बालोतरा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसले में प्रदूषण फैला रही बालोतरा की सभी रंगाई-छपाई फैक्ट्रियों को नौ जुलाई तक बंद करने का आदेश दिया। नौ जुलाई को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। एनजीटी के इस फैसले से बालोतरा की करीब आठ सौ फैक्ट्रियों में काम बंद हो जाएगा। इससे जुड़े करीब एक लाख लोगों के समक्ष रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा।
बालोतरा में कपड़ों की रंगाई-छपाई का काम व्यापक स्तर पर होता है। इस कार्य से जुड़ी आठ सौ छोटी-बड़ी इकाइयां वहां पर संचालित हो रही है। इन इकाइयों में कपड़ों की रंगाई व छपाई के बाद निकलने वाले रासायनिक पानी को लूणी नदी में छोड़ा जा रहा है। इस कारण लूणी नदी से सटे क्षेत्रों में भूजल पूरी तरह से खराब हो चुका है। इस मसले को लेकर जसोल के सज्जन सिंह जसोल ने एनजीटी में एक याचिका दायर कर रखी थी। इस याचिका पर आज जोधपुर में सुनवाई करते हुए एनजीटी के न्यायिक सदस्य यूडी साल्वी और विशेषज्ञ सदस्य डी के अग्रवाल की खंडपीठ ने बालोतरा की सभी आठ सौ इकाइयों को आगामी सुनवाई तिथि नौ जुलाई तक पूरी तरह से बंद करने का आदेश दिया। साथ ही राजस्थान राज्य प्रदूषण निवारण मंडल से कहा है कि इस अवधि में वह बालोतरा में प्रदूषण से जुड़ी समस्या के समाधान की रिपोर्ट तैयार कर उस पर अमल करे। अगली सुनवाई तिथि को इस रिपोर्ट के आधार पर बालोतरा की इकाइयों को फिर से शुरू करने या नहीं करने के बारे में एनजीटी निर्णय करेगी।
औद्योगिक नगरी में मचा हडक़ंप
एनजीटी के फैसले का समाचार बालोतरा पहुंचते ही वहां पर इस उद्योग से जुड़े लोगों में हडक़ंप मच गया। बालोतरा की आठ सौ इकाइयों से करीब एक लाख लोग प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए है। बालोतरा की पूरी अर्थव्यवस्था इसी उद्योग से जुड़ी है। बालोतरा की इन इकाइयों में रोजाना करीब पच्चीस लाख मीटर कपड़े पर रंगाई व छपाई का काम होता है।
जोधपुर के लोगों को मिली राहत
बालोतरा की फैक्ट्रियों पर रोक के समाचार से जोधपुर के उद्यमियों के लिए राहत भरा समाचार लेकर आया। बालोतरा में पानी का संकट होने के कारण वहां छपने वाले अधिकांश कपड़े की धुलाई जोधपुर में अवैध तरीके से होती है। इस कारण यहां की जोजरी नदी में प्रदूषण काफी बढ़ गया। इस कारण एनजीटी ने यहां के उद्यमियों पर कई शर्तें थोप दी। अब यहां के उद्यमियों को इस फैसले से कुछ राहत मिली है। उनका कहना है कि अब बालोतरा के कपड़ों की धुलाई यहां पर बंद होने से जोधपुर में प्रदूषण की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
No comments:
Post a Comment