शहर में बिना रूट परमिट वाहनों की भरमार,यात्रियों की जान जोखिम में
भगाराम पंवार (9887119003)
बालोतरा। शहर में बेलगाम सरपट दौड़ते ओवरलोड़ वाहन परेशानी का सबब बने हुए है। ओवरलोड़ वाहन शहर में सरपट दौड़ते हुए नजर आते है लेकिन परिवहन विभाग व यातायात पुलिस बेखबर बनी हुई है। यातायात चौकी के सामने से दिन में सैकड़ों वाहन गुजरते है परंतु उन पर कार्यवाहीं नहीं की जाती है। शहर के द्वितीय रेलवे क्रॉसिंग,पुराना बस स्टैण्ड,नया बस स्टैण्ड,कबीर आश्रम के पास,समदड़ी रोड़,छत्रियों का मोर्चा आदि इलाकों से ओवरलोड़ वाहनों का संचालन हो रहा है जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अवैध वाहनों से यात्रियों की जान जोखिम में डालकर जबरन सवारियों को ग्रामीण रूटों पर चलने वानी निजी बसे व चार पहिया वाहन ले जाते है। शहर में संचालित हो रहीं निजी बसों के संचालकों के पास कोई वैध रूट परमिट भी नहीं है ऐसे में सबकुछ जानते हुए भी परिवहन विभाग के अधिकारी आंखे मूंदे बैठै है। शहर में बेलगाम वाहनों से कई बार हादसे हो चुके है इसके बावजूद प्रशासन कोई सबक नहीं ले रहा है।
अवैध वाहनों की भरमार
शहर में कई जगह पर अवैध वाहनों की भरमार है एवं कई निजी बसे व अन्य लोडिंग वाहन में सवारियां भरकर यात्रियों को ले जाया जाता है। जानबूझकर अनजान बने परिवाहन विभाग व यातायात पुलिस की लापरवाहीं एक दिन किसी अनहोनी की घटना से अनजान यात्रियों पर भारी पड़ सकती है। शहर में कई स्थानों पर पिकअप जीप लोडिंग में ठूस-ठूस कर यात्रियों को भरकर ग्रामीण इलाकों में ले जाया जाता है ऐसे में किसी हादसे का शिकार हो गए तो उनका जिम्मेदार कौन होगा परिवहन विभाग या यातायात विभाग।
जिम्मेदार कौन यातायात पुलिस या परिवहन विभाग
शहर में ओवरलोड़ वाहनों के खिलाफ कार्यवाहीं करने का जिम्मा परिवहन विभाग व यातायात पुलिस दोनों का है। लेकिन बालोतरा में न तो परिवहन के आला अधिकारी कार्यवाहीं करते है और न हीं यातायात पुलिस तो आखिर कार्यवाहीं करेगा कौन। ऐसे में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी परिवहन विभाग की बनती है परंतु उनके अधिकारी एसी रूम से बाहर निकलते हीं नहीं है और यातायात पुलिस के पास जवानों की कमी है।
भगाराम पंवार (9887119003)
बालोतरा। शहर में बेलगाम सरपट दौड़ते ओवरलोड़ वाहन परेशानी का सबब बने हुए है। ओवरलोड़ वाहन शहर में सरपट दौड़ते हुए नजर आते है लेकिन परिवहन विभाग व यातायात पुलिस बेखबर बनी हुई है। यातायात चौकी के सामने से दिन में सैकड़ों वाहन गुजरते है परंतु उन पर कार्यवाहीं नहीं की जाती है। शहर के द्वितीय रेलवे क्रॉसिंग,पुराना बस स्टैण्ड,नया बस स्टैण्ड,कबीर आश्रम के पास,समदड़ी रोड़,छत्रियों का मोर्चा आदि इलाकों से ओवरलोड़ वाहनों का संचालन हो रहा है जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अवैध वाहनों से यात्रियों की जान जोखिम में डालकर जबरन सवारियों को ग्रामीण रूटों पर चलने वानी निजी बसे व चार पहिया वाहन ले जाते है। शहर में संचालित हो रहीं निजी बसों के संचालकों के पास कोई वैध रूट परमिट भी नहीं है ऐसे में सबकुछ जानते हुए भी परिवहन विभाग के अधिकारी आंखे मूंदे बैठै है। शहर में बेलगाम वाहनों से कई बार हादसे हो चुके है इसके बावजूद प्रशासन कोई सबक नहीं ले रहा है।
अवैध वाहनों की भरमार
शहर में कई जगह पर अवैध वाहनों की भरमार है एवं कई निजी बसे व अन्य लोडिंग वाहन में सवारियां भरकर यात्रियों को ले जाया जाता है। जानबूझकर अनजान बने परिवाहन विभाग व यातायात पुलिस की लापरवाहीं एक दिन किसी अनहोनी की घटना से अनजान यात्रियों पर भारी पड़ सकती है। शहर में कई स्थानों पर पिकअप जीप लोडिंग में ठूस-ठूस कर यात्रियों को भरकर ग्रामीण इलाकों में ले जाया जाता है ऐसे में किसी हादसे का शिकार हो गए तो उनका जिम्मेदार कौन होगा परिवहन विभाग या यातायात विभाग।
जिम्मेदार कौन यातायात पुलिस या परिवहन विभाग
शहर में ओवरलोड़ वाहनों के खिलाफ कार्यवाहीं करने का जिम्मा परिवहन विभाग व यातायात पुलिस दोनों का है। लेकिन बालोतरा में न तो परिवहन के आला अधिकारी कार्यवाहीं करते है और न हीं यातायात पुलिस तो आखिर कार्यवाहीं करेगा कौन। ऐसे में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी परिवहन विभाग की बनती है परंतु उनके अधिकारी एसी रूम से बाहर निकलते हीं नहीं है और यातायात पुलिस के पास जवानों की कमी है।
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