माताजी व मामाजी के वार्षिक महोत्सव में उमड़ा आस्था का ज्वार
- जयकारों के साथ चढ़ी ध्वजाएं।
- भजन संध्या में बही भक्ति की सरिता।
सदाशिव सलुंदिया
बालोतरा। निकटवर्ती लालाणा ग्राम पंचायत के सड़लानाडा स्थित श्री सुभद्रा माताजी व श्री मामाजी महाराज के धाम पर मूर्ति प्रतिष्ठा के तृतीय वार्षिक महोत्सव में आस्था का ज्वार उमड़ पड़ा। आस-पास गांवों से आए हजारों भक्त-भविकों ने माताजी व मामाजी के दर्शन पूजन कर सुख समृद्धि की कामना की। प्रातः ब्रह्म मुर्हूत में दुर्गा सप्तसती व रूद्री यज्ञ आयोजित हुआ, जिसमें वैदिक मंत्रोचार के बीच लाभार्थी परिवारजनों ने आहुतियां देकर विश्व शांति व अमनचैन की कामना की।
सोमवार अलसवेरे से ही श्रद्धालुओं का दर्शनार्थ मंदिर आने का सिलसिला आरम्भ हुआ, जो दिन चढ़ने के साथ बढ़ता गया। दूर-दराज गांवों से हजारों श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंच कर माताजी व मामाजी महाराज के धोक लगाई तथा खुशहाली व अमन चैन की कामना की। प्रातः शुभ वेला मे आयोजित यज्ञ में आचार्य अनिल व्यास के निर्देशन में विद्वान पंडितों के वैदिक मंत्रोचार के बीच लाभार्थी परिवार जनों ने आहुतियां देकर विश्व शांति की कामना की। यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद मंदिर परिसर में सती माताजी की मूर्ति स्थापना की गई। वहीं मंदिर शिखर पर लाभार्थी परिवारजनों ने ध्वजाएं चढ़ाकर धर्म लाभ प्राप्त किया।
संत-महात्माओं के सानिध्य में हुई धर्मसभाः-
महोत्सव के दौरान मेला पांडाल मे आयोजित धर्मसभा में साधु-संतों ने उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रवचन दिए। परेऊ मठाधीश ओमकारभारती महराज ने अपने प्रवचन में कहा कि आधुनिक समय में संस्कारों के बिना शिक्षा का कोई औचित्य नही है। उन्होंने धर्म व गौ रक्षा की महत्ती आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए बढ़ती नशा प्रवृति को परिवार, समाज व देश के लिए घातक बताया। उन्होंने कहा कि नशे की लत से युवाओं को दूर रहने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए संस्कारों के संरक्षण की जरूरत है। महाराज ने युवाओं से आधुनिक रीति-रिवाज के साथ परंपरागत संस्कारों को भी जीवित रखने का आव्हान किया। श्री सुभद्रा माताजी व मामाजी महाराज का धाम सड़लानाडा के गादीपति एवं श्री निम्बेश्वर महादेव मठ खारवा-जेठन्तरी के मठाधिपति महंत भुवनेश्वरपुरी महाराज ने आगंतुक संत-महात्माओं का आभार जताते हुए कहा कि सुसंस्कारित समाज के लिए शिक्षा की महत्ती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही जीवन है, आमजन को बालिका शिक्षा का संदेश अपने जेहन मे उतारने की जरूरत है। कुरीतियो को त्यागने का आव्हान करते हुए महाराज ने कहा कि वर्तमान युग में धर्म, संस्कार व गौ सेवा से युवा पीढ़ी विमुख है। ऐसे में धर्म की रक्षा के लिए वैदिक कर्म व धर्मा के प्रचार-प्रसार की जरूरत है।
धर्मसभा में हनुमान बगीची समदडी़ के गादीपति नरसिंगदास महाराज, कुडी़ मठ के महंत तगभारती महाराज, भावगिरी का मीठा के महंत उम्मेदगिरी महाराज, ऊंचिया के महंत नरेशगिरी महाराज, हमीरपुरा मठ बाड़मेर के महंत नारायणपुरी महाराज, श्री राजेश्वरधाम पारलू के मीठा महाराज, आकडि़या महादेव जेठन्तरी के सोमगिरी महाराज सहित बडी़ संख्या में साधु-संतों का सानिध्य मिला। इस अवसर पर क्षेत्रीय सासंद कर्नल सोनाराम चौधरी, पूर्व जिला परिषद सदस्य देवेन्द्रकरण, समदडी़ प्रधान प्रतिनिधि पदमाराम चौधरी, सरपंच रविन्द्रसिंह जाट, पूर्व सरपंच भंवरसिंह चम्पावत, पूर्व सरपंच गणेशाराम चौधरी, लालाणा सरपंच प्रतिनिधि हेमाराम चौधरी, काकराला सरपंच वगताराम प्रजापत, ठाकुर विक्रमसिंह भाटी लालाणा, करणसिंह फौजी, शंभूसिंह सोनगरा, पीराराम तरक, मूलाराम धूणिया, आम्बाराम करड़, केशाराम देवासी, सवाईसिंह भायल, दौलाराम सुथार, चन्द्रसिंह देवडा़, नरपतसिंह उमरलाई, घनश्याम वैष्णव, बद्रीदास व विक्रमसिंह जोधा सहित सैकडो़ं प्रबुद्धजन मौजूद थे।
सुर सरिता में रातभर गोते लगाते रहे श्रोताः-
वार्षिक महोत्सव को लेकर रविवार रात्रि में लोकप्रिय भजन गायकों ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोकप्रिय भजन गायक श्याम पालीवाल ने जननी जणें तो ऐसा जण के दाता के शूर..., गांव लालाणा में समदरियो हिलोरा ले..., आज मारो जीवडो़ हुओ वैरागी.... व गुरु महिमा सहित देवी-देवताओं के जीवन पर आधारित मनमोहक भजनों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भोर तक बांधे रखा। इससे पहले गायक शंकर विश्नोई ने गणपति वंदना की प्रस्तुति से भजन संध्या का आगाज किया। वहीं रवि बंजारा व नवीन सैन और साथी कलाकारों ने गोटिया-पोटिया हास्य नाटक व नृत्य की मनभावन प्रस्तुति देकर वाहवाही लूटी। महंत भुवनेश्वरपुरी महाराज ने मामाजी महाराज के भजनों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं का मन मोहा। इस दौरान लगाई गई विभिन्न चढा़वों की बोलियां में श्रद्रालुओं ने उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर भाग लिया। बालाजी ग्रुप जेठन्तरी के कार्यकर्त्ताओं ने भजन संध्या के दौरान की गई विभिन्न व्यवस्थाओं को अंजाम दिया। भजन संध्या में बजरंगसिंह राजपुरोहित, लक्ष्मणसिंह बामसीन, हड़मानराम चौधरी, दीपाराम करवड़, धनराज सैन, नारायणपुरी, देवाराम काला, हड़मानपुरी, पारसराम माली, दुर्गाराम ओड, रूघनाथराम चौधरी, पारसपुरी, भैराराम तरक, ओमप्रकाश प्रजापत, थानाराम माली, गुलाबगिरी गोस्वामी, राकेश गोदारा, रामस्वरूप माली व समाजसेवी युसूफ भांतगर सहित हजारों श्रोता मौजुद थे। संचालन बालोतरा के मशहूर उदघोषक राजू माली ने किया।
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