शहीदों की चिताओ पर लगेंगे हर वर्ष मेले.........
पर यहा शहीद लांच नायक के नाम चोराहे के निर्माण का लंबा इन्तजार
बालोतरा
क्षेत्र के नेवरी ढाणा निवासी शहीद लांच नायक धनसिंह के परिजनों को शहीद की यादगार में चोराहे के निर्माण का इन्तजार है। प्रसाशन व् सरकार में व्याप्त अन्देरगर्दी शहीद की शहादत का अपमान करती नजर आ रही है। सन् 1965 में भारत-पाकिस्तान में हुए यूद्ध में नेवरी निवासी लांच नायक धनसिंह बहादुरी पूर्वक दुश्मनो के दांत खट्टे करते हुए शहीद हो गए थे। उनकी वीरता के लिए उनको सेना मेडल से भी नवाजा गया था। कारगिल यूद्ध के बाद जब शहीदों की याद में चौराहो के निर्माण का सिलसिला चला तो शहीद लांच नायक धनसिंह के परिजनों ने प्रसाशन से शहीद की यादगार में उनके पैतृक क्षेत्र में चोराहे की निर्माण की गुहार लगाई। सन् 2000 से शहीद धनसिंह के परिजनों की गुहार सरकारी फाइलों में ही चक्कर काट रही है। 16 मार्च 2012 को उपखंड अधिकारी बालोतरा को जिला कलेक्टर ने शहीद के नाम चोराहे के निर्माण के लिए जरुरी रिपोर्ट मांगी थी लेकिन उसके बाद आज तक इस मामले में प्रसाशन ने कोई कार्यवाही नहीं की है। शहीद के पुत्र जोग सिंह ने बताया कि अब उनके परिजनों की अंतिम इच्छा यही है कि शहीद के नाम पर चोराहे का निर्माण हो जाये ताकि उनकी बहादुरी व् वीरता चिर अमर हो जाये। जोगसिंह का कहना है कि शहीद के नाम पर चोराहे के निर्माण के लिए सांसद या स्थानीय विधायक अपने कोष से राशि जारी करे तो चोराहे का निर्माण संभव है। शहीद के पुत्र ने प्रसाशन व् सरकार से शहीद के चोराहे के निर्माण के लिए शीघ्र कार्यवाही शुरू करवाने की मांग की है।
पर यहा शहीद लांच नायक के नाम चोराहे के निर्माण का लंबा इन्तजार
बालोतरा
क्षेत्र के नेवरी ढाणा निवासी शहीद लांच नायक धनसिंह के परिजनों को शहीद की यादगार में चोराहे के निर्माण का इन्तजार है। प्रसाशन व् सरकार में व्याप्त अन्देरगर्दी शहीद की शहादत का अपमान करती नजर आ रही है। सन् 1965 में भारत-पाकिस्तान में हुए यूद्ध में नेवरी निवासी लांच नायक धनसिंह बहादुरी पूर्वक दुश्मनो के दांत खट्टे करते हुए शहीद हो गए थे। उनकी वीरता के लिए उनको सेना मेडल से भी नवाजा गया था। कारगिल यूद्ध के बाद जब शहीदों की याद में चौराहो के निर्माण का सिलसिला चला तो शहीद लांच नायक धनसिंह के परिजनों ने प्रसाशन से शहीद की यादगार में उनके पैतृक क्षेत्र में चोराहे की निर्माण की गुहार लगाई। सन् 2000 से शहीद धनसिंह के परिजनों की गुहार सरकारी फाइलों में ही चक्कर काट रही है। 16 मार्च 2012 को उपखंड अधिकारी बालोतरा को जिला कलेक्टर ने शहीद के नाम चोराहे के निर्माण के लिए जरुरी रिपोर्ट मांगी थी लेकिन उसके बाद आज तक इस मामले में प्रसाशन ने कोई कार्यवाही नहीं की है। शहीद के पुत्र जोग सिंह ने बताया कि अब उनके परिजनों की अंतिम इच्छा यही है कि शहीद के नाम पर चोराहे का निर्माण हो जाये ताकि उनकी बहादुरी व् वीरता चिर अमर हो जाये। जोगसिंह का कहना है कि शहीद के नाम पर चोराहे के निर्माण के लिए सांसद या स्थानीय विधायक अपने कोष से राशि जारी करे तो चोराहे का निर्माण संभव है। शहीद के पुत्र ने प्रसाशन व् सरकार से शहीद के चोराहे के निर्माण के लिए शीघ्र कार्यवाही शुरू करवाने की मांग की है।
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