बालोतरा। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 लागू होने का 10वां स्थापना दिवस सोमवार को श्री एम. डी. वैष्णव कि अध्यक्षता मे जोधपुर सूचना केंद्र स्थिती मिनी ऑडीटोरियम मे मनाया गया व राज्य स्तरीय ‘‘सूचना सिपाही‘‘ सम्मान समारोह का आयोजन कर राजस्थान के नौं आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं को ‘‘सूचना सिपाही‘‘ के सम्मान से नवाजा गया। इस कार्यक्रम मे सिणली जागीर निवासी आर. टी. आई. कार्यकर्ता सुमेर लाल शर्मा को पूर्व न्यायाधीश मुरलीधर वैष्णव, जागृती संस्थान के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता नन्द लाल व्यास, आरटीआई कार्यकर्ता रज्जाक हेदर एंव वर्तमान मे राजस्थान मे खनन घोटाले का भांडाफोड़ करने वाले राजेन्द्रसिंह सलूजा ने ‘‘सूचना सिपाही‘‘ का सम्मान पत्र दे कर सम्मानित किया गया। इस मोके पर वक्ताओं ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने गलती से जनता को आर.टी.आई. के रूप मे जनता को एक ऐसा कानूनी हथीयार दिया हैं जिससे कोई भी भारतीय आम नागरिक सिर्फ 10 रूपये मे ‘‘सुपर हीरो‘‘ की तरह काम कर देश सेवा में अपना अहम योगदान दे सकता हैं। इस कार्यक्रम मे राजस्थान सूचना आयोग मे आयुक्तों कि कमी, राजनैतिक दलों को आर.टी.आई. के दायरे मे लाने, आर.टी.आई. पर सरकार द्वारा प्रचार-जागरुकता पर बरती जा रही उदासीनता, आर.टी.आई. कानून का बेहतर व विस्तृत उपयोग, आर.टी.आई. कायकर्ताओं तथा साहित्यकारों पर हो रहे हमलों तथा झूठे मुकदमों एवं ऑनलाईन आर.टी.आई. दाखिल करने के विषयों पर चर्चा हुई।
इस सूचना सिपाही सम्मान समारोह मे प्रदेश भर के आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं ने भाग लिया तथा सभी ने प्रत्यक्ष रूप से यह प्रकट किया कि सरकारें आर.टी.आई. कानून की धार को कमजोर करते पर आमाद हैं व सरकार इस कानून से डरती हैं। इस कानून के तहत की जाने वाले दूसरी अपीलों का निस्तारण आयोग मे कमीषनों की नियुक्ती नही होने से रुक जाता हैं। राजस्थान सरकार की यह बदनियत हैं कि माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जनहित मे आयुक्तों कि नियुक्ती करने का निर्देष देने के बावजूद सरकार ने आयुक्तों की नियुक्ती नही कर उल्टा सुप्रीम कोर्ट चली गई। प्रदेष भर के आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं ने सरकार के इस जनविरोधी कदम का पुरजोर विरोध करने, अपने स्तर पर सूचना अधिकार कानून का प्रचार प्रसार करने तथा इस कानून का जमकर सदुपयोग करने का प्रण लिया।
सम्मान प्राप्त करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता सुमेरलाल शर्मा। |
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